|| श्री नटराज स्तुति || Dharam Tv
दिव्य फल देती है यह नटराज स्तुति
नटराज शिव के जगत गुरू स्वरूप का भी परिचायक है. नृत्य कलाओं में श्रेठ गिना जाता है और नटराज शिव कलाओं एवं ज्ञान प्रदान करने वाले परम गुरु हैं. नटराज स्तुति उन्ही जगत गुरु, परम ब्रह्म शिव को समर्पति है.
यह है नटराज स्तुति
सत सृष्टि तांडव रचयिता नटराज राज नमो नमः… हेआद्य गुरु शंकर पिता नटराज राज नमो नमः… गंभीर नाद मृदंगना धबके उरे ब्रह्मांडना नित होत नाद प्रचंडना नटराज राज नमो नमः…सिर ज्ञान गंगा चंद्रमा चिद्ब्रह्म ज्योति ललाट मां विषनाग माला कंठ मां नटराज राज नमो नमः… तवशक्ति वामांगे स्थिता हे चंद्रिका अपराजिता चंहु वेद गाए संहिता नटराज राज नमोः
हिंदी में अर्थ सहित
सत सृष्टि तांडव रचयिता नटराज राज नमो नमः
हे नटराज आप ही अपने तांडव द्वारा सृष्टि की रचना करने वाले हैं| हे नटराज राज आपको नमन है.
हे आद्य गुरु शंकर पिता नटराज राज नमो नमः
हे शंकर आप ही परम पिता एवं आदि गुरु हैं. हे नटराज राज आपको नमन है
गंभीर नाद मृदंगना
धबके उरे ब्रह्मांडना नित होत नाद प्रचंडना
नटराज राज नमो नमः
हे शिव, ये संपूर्ण विश्व आपके मृदंग के ध्वनि द्वारा ही संचालित होता है. इस संसार में व्याप्त प्रत्येक ध्वनि के श्रोत आप ही हैं. हे नटराज राज आपको नमन है।
सिर ज्ञान गंगा चंद्र चिद
ब्रह्म ज्योति ललाट मां
विष नाग माला कंठ मां
नटराज राज नमो नमः
हे नटराज आप ज्ञान रूपी चंद्र एवं गंगा को धारण करने वाले हैं, आपका ललाट से दिव्या ज्योति का स्रोत है.हे नटराज राज आप विषधारी नाग को गले में धारण करते हैं. आपको नमन है.
तवशक्ति वामे स्थिता
हे चन्द्रिका अपराजिता
चहु वेद गाएं संहिता
नटराज राज नमो नमः